संदेश को समझो

  09 मई 2022

सम्मा संबुद्ध जी की शिक्षाओं के अनुसार, हम हमेशा चीजों को परिभाषित करते हैं। हम जो परिभाषित करते हैं, उसके अनुसार हम हमेशा एक पक्ष ग्रहित करते हैं।

इस को हम दुनिया या फिर जीवन कहते है। यही हमारा अस्तित्व हैं।

सम्मा सम्बुद्ध जी ने खूबसूरती से समझाया कि इस संसार में प्राणियों ने, इसी तरह दुनिया को कैसा महसूस करता है।  हम जब किसी परिभाषित करते हैं, एक बार जब हम चयन करते हैं, तो इसी का फल हैं जो हमे खुद को महसूस कर सकते हैं।  जब हमे कुछ मिलते हैं हम उसका आनंद लेता है। यह इस तरह है;

जब आप कुछ परिभाषित करते हैं, और जब आप "यह मेरे लिए अच्छा है" या "यह मेरे लिए बुरा है" या "काला" या "गोरा" या किसी भी दो पक्षों के रूप में किसी भी पक्ष का चयन करते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने सिस्टम ही चुन लिया। 

आप सोचते हैं के आप ने सही किया हैं।  या फिर आपका इस चुनने की वजय होता हैं। 

लेकिन आपकी पसंद बेकार है, क्योंकि ये दोनों पक्ष, या चयन सिस्टम से संबंधित हैं।

और इस सिस्टम के रखवाले मारा की है। आपकी पसंद कभी मायने नहीं रखेगी, और  आपको केवल आप नष्ट ही हो जाओगे!

लेकिन सिस्टम के इन विनाशकारी नियमों से अनजान होने के कारण, आप यह विश्वास करके अपने चयन का आनंद लेते हैं कि आपने कुछ हासिल किया है और "मैं जीत गया"!

और भार भार सिस्टम से कुछ हासिल करने की उम्मीद करते रहें।

लेकिन अंत में, आपने एक जाल के अलावा कुछ नहीं हासिल किया हैं।  आप जन्म, बीमारी, बुढ़ापा और मृत्यु के दुष्चक्र में फंसे संसार को पा लिया हैं!

लेकिन आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे क्योंकि आप भी सिस्टम का हिस्सा हैं!

जब तक आप सच्चाई की गहराई को समझने को तैयार नहीं होंगे, तब तक आप मुक्त नहीं हो पाएंगे।

जब तक आप उस पर विश्वास कर रहे हैं जो आप देखते हैं, सुनते हैं, सूंघते हैं, स्वाद लेते हैं, स्पर्श करते हैं, और महसूस करते हैं जो सिस्टम की और मारा की सामान के आधार पर हैं, तो आप गुलाम ही होंगे!

लेकिन एक रास्ता है! आपको बस समझदारी से निर्णय लेना है! इन सभी को अपने उद्धार के लिए मार्गदर्शन के रूप में उपयोग करें! उनका बुद्धिमानी से उपयोग करें!

क्योंकि मुक्ति दो प्रकार की होती है।

 एक सांसारिक है, सिस्टम से जुड़े हुवे है और आप सिस्टम से छुटकारा पाने में सक्षम नहीं होंगे। इसके बजाय आप महान स्वर्गलोक के नाम से एक शांत, आराम और सुखी स्थिति में फंस जाएंगे।

लेकिन असली मुक्ति, जो सांसारिक नहीं हैं, जो सिस्टम से नहीं जुड़े हैऔर यह सिस्टम का हिस्सा बनने के कारण को समाप्त कर देगे। तो, सम्मा सम्बुद्ध जी के बताये हुवे सच्चे गहरे धर्म के शब्दों को सही ढंग से समझें यह सब एक मार्गोपदेशन के तरह उपयोग कर ली जिए।  तो, आप नकली मुक्ति से गुमराह नहीं होंगे जो सिस्टम की द्वारा ही बनाए गए हैं!

रजिता विदुराणसी | केलनिया, श्री लंका